
देवभूमि उत्तराखंड के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, आज, हम एक महत्वपूर्ण उद्देश्य के साथ महानगर दिल्ली-एनसीआर उत्तराखंड प्रवासी संगठन ‘ की स्थापना कर रहे हैं। हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति और हमारी परंपराएँ हमारी पहचान हैं। हमें इन्हें संरक्षित करना है और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना है। हम अपने युवाओं को शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए भी काम करेगा। हम चाहते हैं कि आप अपनी जड़ों से जुड़े रहें और अपनी आने वाली पीढ़ियों को अपनी विरासत के बारे में बताएं। हमारा सपना है कि उत्तराखंड के सभी प्रवासी लोग समृद्ध और खुशहाल हों। हम मिलकर इस सपने को साकार करेंगे।
स्वः अंकिता भंडारीऔर स्वः किरण नेगी के न्याय के लिये 1600 कि लो मीटर न्याय यात्रा दिल्ली से गोलज्यू देवता चित्तई अल्मोड़ा तक निकाली .
45 दिन का धरना उत्तराखंड की पीड़ित शोषित बेटियों के न्यय के लिये जंतर मंतर परस्व किरण नेगी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ तत्कालीन चुफ जस्टिस के घर पर उग्र प्रदर्शन किया और जेल गये.
110 किलो मीटर कोटद्वार से पौड़ी सचिवालय तक की “पहाड़ परिवर्तन पदयात्रा”” की.
गरीब पहाड़ी बेटियों की शादी में पिता बनकर बेटियों की शादियां करवाई.
गालीबाज मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ राजघाट पर प्रदर्शन और गिरफ्ता\रीउत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए भी काम करेगा। हम चाहते हैं कि आप अपनी जड़ों से जुड़े रहें और अपनी आने वाली पीढ़ियों को अपनी विरासत के बारे में बताएं।
- Email: infomdups@gmail.com
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- Website: www.devbhoomimdup.org
महानगर दिल्ली-एनसीआर उत्तराखंड प्रवासी संगठन की ओर से आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। यह संगठन उत्तराखंड के मूल निवासियों को एकजुट करने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और उनके सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास के लिए कार्य करने के उद्देश्य से स्थापित करेंगे..!
हमारा संगठन केवल एक सामाजिक मंच नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी प्रेरणा है जो प्रवासी मूलनिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने, उनकी संस्कृति को संरक्षित रखने और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने का कार्य करता है। हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास और सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जो न केवल प्रवासी मूलनिवासियों को सशक्त बना रही हैं बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध परंपराओं को भी जीवित रखे हुए हैं।
मुझे गर्व है कि हमारी टीम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ समाज की सेवा में कार्यरत है। हमने पांच बारात घरों का निर्माण कर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की सहायता की है, मेधावी छात्रों के लिए मुफ्त छात्रावास और शिक्षा सहायता प्रदान की है, और हर वर्ष 12 जरूरतमंद परिवारों की बेटियों के विवाह का आयोजन कर रहे हैं। इसके साथ ही, शहीद परिवारों की सहायता, कानूनी परामर्श और प्रवासी मूलनिवासियों के लिए स्थायी आवास की सुविधा जैसी पहल भी हमारी प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
हमारा मानना है कि जब तक हम संगठित रहेंगे और एक-दूसरे का सहयोग करेंगे, तब तक कोई भी बाधा हमें आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती। यह संगठन केवल वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी काम कर रहा है, ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़कर एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।
मैं आप सभी से अपील करता हूँ कि इस मिशन में हमारा साथ दें, संगठन की गतिविधियों में सक्रिय भाग लें और उत्तराखंड के प्रवासी समाज को एक नई ऊँचाई तक पहुँचाने में योगदान दें। आपका समर्थन और सहयोग ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
आपका शुभचिंतक